इस्नोफीलिया का घरेलू इलाज (Home Remedies for Eosinophils in Hindi)

इस्नोफीलिया का घरेलू इलाज – ईोसिनोफिलिया को एलर्जी भी कहा जाता है। यह रोग सांस की तकलीफ, घुटन और भोजन या दवा से एलर्जी का कारण बनता है। इसके साथ ही गले में सूजन भी होने लगती है। ईोसिनोफिलिया की वजह से दिल, दिमाग, किडनी काम करना बंद कर देते हैं। यदि इस रोग का समय पर उपचार नहीं किया गया तो रोगी की मृत्यु भी हो सकती है। इसलिए, ईोसिनोफिलिया का समय पर इलाज करवाना बहुत जरूरी है। अच्छी बात यह है कि आप इस्नोफीलिया का घरेलू इलाज (Home Remedies for Eosinophils in Hindi) कर सकते हैं।

इस्नोफीलिया का घरेलू इलाज (Home Remedies for Eosinophils in Hindi)
इस्नोफीलिया का घरेलू इलाज (Home Remedies for Eosinophils in Hindi)

कुछ लोग इस्नोफीलिया को एक साधारण बीमारी मानते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि ईोसिनोफिलिया कोई साधारण बीमारी नहीं है। यह रोग तब होता है जब रक्त में श्वेत रक्त कोशिकाओं की मात्रा सामान्य से अधिक हो जाती है। आयुर्वेद में ईोसिनोफिलिया के घरेलू उपचार से जुड़े कई उपायों का जिक्र किया गया है। इन उपायों को अपनाकर आप ईोसिनोफिलिया से छुटकारा पा सकते हैं।

इस्नोफिलिया के प्रकार (Eosinophilia Types in Hindi)

इस्नोफिलिया (Eosinophils) बीमारी दो तरह की होती है:-

  • इडियोपैथिक इस्नोफिलिया
  • दूसरी इस्नोफिक मायेल्पिक सिनेमा

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इस्नोफिलिया के लक्षण (Eosinophilia Symptoms)

इस्नोफिलिया के लक्षण (Eosinophilia Ke Lakshan) ये हो सकते हैंः-

  • साँस लेने में तकलीफ होना या दम घुटना
  • बलगम निकालने में कठिनाई
  • गले के चारों ओर सूजन
  • शरीर के किसी भी हिस्से में रैशेज होना।
  • बुखार
  • थकावट
  • मांसपेशियों में दर्द
  • पेट दर्द

इस्नोफीलिया का घरेलू इलाज (Home Remedies for Eosinophils in Hindi)

इस्नोफीलिया का घरेलू इलाज निम्नलिखित हैं –

1. शहद और गुनगुना पानी

ये बात ध्यान रखें कि इस बीमारी में गले में सूजन होती है और आपको साँस लेने में भी तकलीफ होती है। इसलिए आपको एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर पीना चाहिए। इससे आपको आराम मिलेगा और चूँकि शहद में एंटीबायोटिक (Antibiotic) गुण होते हैं तो वो इस सूजन को कम करने में मदद करता है जबकि गुनगुना पानी तो आपके शरीर में हर बीमारी को कंट्रोल करने के काम में आता है।

2. नीम से करें इस्नोफिलिया का घरेलू इलाज

खाना खाने के बाद नीम के पत्तों का एक चम्मच जूस पिएं। इससे पित्त और कफ सामान्य अवस्था में आ जाते हैं। यह औषधि बहुत कारगर है। इससे शरीर में मौजूद संक्रमण खत्म होता है, और खून साफ होता है।

3. इओसिनोफिलिया की दवा है प्याज

प्याज के रस का प्रयोग इस्नोफिलिया को कम करने में बहुत सहायक होता है। रोज सुबह एक चम्मच प्याज का रस, एक गिलास में पानी में मिलाकर लें। इससे इस्नोफिलिया में बहुत आराम मिलता है।

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4. मेथी से इस्नोफीलिया का उपचार

शरीर में मौजूद किसी भी इन्फेक्शन को खत्म करने, और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए मेथी बहुत उपयोगी है। एक गिलास गुनगुने पानी में एक छोटा चम्मच मेथी का पाउडर मिलाकर रोजाना गरारा करें। ऐसा करने से आपके गले की सूजन कम हो जाती है, और इस्नोफिलिया की समस्या भी कम हो जाती है।

5. धूम्रपान को तुरंत बंद करें

अगर आपको सिगरेट पीने का शौक है तो आज ही उसे खत्म कर दें। ऐसा ना करने पर परेशानियाँ बढ़ जाएंगी जो कहीं से भी अच्छी बात नहीं है और आप खुद को किसी परेशानी में तो नहीं लाना चाहेंगे। अपनी सेहत, सुरक्षा को ठीक रखें और अगर इसका इलाज सही तरह से नहीं करते हैं तो इसका प्रभाव दिमाग पर भी हो सकता है।

6. कर्पूर काचरी से करें इस्नोफिलिया का घरेलू इलाज

यह औषधि बहुत प्रभावकारी है, क्योंकि यह कफ से संबंधित रेसिपायरेट्री समस्या (Respiratory problems) को दूर करने में मदद करती है। इस औषधि के पाउडर को 1-3 ग्राम रोज सादा पानी के साथ लेने से इस्नोफिल्स काउंट कम होता है।

7. फिटनेस और एक्सरसाइज को बनाएं जीवन का हिस्सा

अगर आप अपने आसपास फिट लोगों को देखकर अपने बढे हुए पेट या वजन के कारण सिर्फ दुखी होते थे तो आज ही उस आदत को छोड़ दें। फिटनेस आपके शरीर और सेहत के लिए वैसे भी बेहद जरूरी है और अगर आप इसे नियमित रूप से करते हैं तो आप कई बीमारियों से बच सकते हैं।

अंतिम शब्द

तो दोस्तों आज मैंने आप को इस्नोफीलिया का घरेलू इलाज (Home Remedies for Eosinophils in Hindi) के बारे में बताया है और मैं आशा करता हु की आप को इनसे जरुर फायदा होगा. हालांकि यह जानकारी हमने आपको सामान्य जानकारी के आधार पर बताएं है। अगर आपको किसी प्रकार की एलर्जी या कोई समस्या है तो चिकित्सक से सलाह लेकर ही काम करें।

Disclaimer

यह लेख केवल सामान्य जानकारी प्रदान करता है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या डॉक्टर से सलाह लें। CodeMaster इस जानकारी की जिम्मेदारी नहीं लेता है।

सुधांशु कोडमास्टर के संस्थापक हैं। वह पेशे से एक वेब डिज़ाइनर हैं और साथ ही एक उत्साही ब्लॉगर भी हैं जो हमेशा ही आपको सरल शब्दों में बेहतर जानकारी प्रदान करने के प्रयास में रहते हैं।

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