दिल की बाईपास सर्जरी के बाद व्यायाम: क्या करें, क्या न करेंं

दिल की बाईपास सर्जरी के बाद व्यायाम – किसी भी सर्जरी के बाद शरीर को उसकी मूल स्थिति में वापस लाने के लिए जीवनशैली में कुछ बदलावों के साथ पर्याप्त आराम की आवश्यकता होती है। सर्जरी के बाद, डॉक्टर आमतौर पर भविष्य में हृदय रोग की समस्याओं से बचने के लिए तनाव कम करने, पौष्टिक आहार लेने और उचित व्यायाम करने की सलाह देते हैं। आपको अधिक सावधान रहने की जरूरत है, खासकर अगर सर्जरी दिल से संबंधित है।

पूरी दुनिया में दिल की बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। इतना ही नहीं, दिल से जुड़ी बीमारियां भी दुनिया में मौत का प्रमुख कारण हैं। दिल की बीमारी से जुड़े भारत के आंकड़े भी काफी चिंताजनक हैं। स्वास्थ्य पत्रिका ‘द लैंसेट’ में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, वर्ष 1990 में भारत में 15 प्रतिशत मौतें हृदय रोग से संबंधित थीं, जबकि वर्ष 2016 में यह आंकड़ा बढ़कर 28 प्रतिशत हो गया।

दिल की बाईपास सर्जरी के बाद व्यायाम: क्या करें, क्या न करेंं
दिल की बाईपास सर्जरी के बाद व्यायाम: क्या करें, क्या न करेंं

स्वास्थ्य विशेषज्ञ लोगों को व्यायाम करने की सलाह देते रहते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि नियमित रूप से व्यायाम करने से हृदय रोगों के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है। हालांकि, आंकड़े इसके विपरीत हैं। एक हालिया रिपोर्ट से पता चलता है कि दो-तिहाई आबादी, या लगभग 64 प्रतिशत, बिल्कुल भी व्यायाम नहीं करती है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि शारीरिक निष्क्रियता और व्यायाम की कमी से कई तरह के हृदय रोग होने का खतरा रहता है। ऐसे में जो लोग पहले से ही हृदय विकार से पीड़ित हैं, उनके लिए व्यायाम करना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।

इसलिए आज हम आपको दिल की बाईपास सर्जरी के बाद व्यायाम के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें आप किसी अन्य सर्जरी या ऑपरेशन के बाद भी आसानी से कर सकते हैं और फिट रह सकते हैं। इससे आपको किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होगा।

दिल की बाईपास सर्जरी के बाद व्यायाम (Exercises After Bypass Surgery in Hindi)

लंबे समय तक शारीरिक निष्क्रियता कई मामलों में स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है, खासकर अगर किसी व्यक्ति की हृदय की सर्जरी हुई है, तो उसे इन बातों का अधिक ध्यान रखने की जरूरत है। नए सर्जिकल ग्राफ्ट के साथ तालमेल बिठाने और पहले की तरह कार्य करने के लिए हृदय को अधिक सक्रिय होने की आवश्यकता है। इसके लिए नियमित रूप से कम तीव्रता वाले व्यायाम करने चाहिए। हालांकि, इस दौरान यह भी सुनिश्चित करने की जरूरत है कि मरीज कोई भारी स्तर की गतिविधियां न करें।

दिल की बाईपास सर्जरी के बाद व्यायाम निम्नलिखित हैं:

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1. रज्जु-कर्षणासन (Rope Pull Pose)

यह रस्सी खींचने के समान एक आसन है। इसे करने के लिए सबसे पहले ‘दंडासन’ की मुद्रा में बैठ जाएं। ध्यान रहे कि आपकी रीढ़ सीधी हो और छाती बाहर की ओर निकली हो। अब सांस अंदर लेते हुए दाहिने हाथ को ऊपर की ओर फैलाएं। कल्पना कीजिए कि आप एक रस्सी खींच रहे हैं। अब कुछ देर सांस को रोककर रखें और फिर सांस छोड़ते हुए हाथों को नीचे लाएं। अब यही काम दूसरे हाथ से भी करें। ऐसा आपको कम से कम 10 बार करना है।

ध्यान रहे कि आप जितना हो सके हाथ को स्ट्रेच करें। सांस को इस तरह रोके रखें कि आपको कोई परेशानी न हो। आप इसे करने की गति को जितना चाहें उतना बढ़ा सकते हैं।

रज्जु-कर्षणासन के लाभ:

  • रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है।
  • फ्रोजन शोल्डर की समस्या में आराम मिलता है।
  • अंडरआर्म के आसपास जमा फैट कम होने लगता है।
  • तनाव और थकान से राहत प्रदान करता है।

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2. गत्यात्मक मेरु वक्रासन (Gatyatmak Meru Vakrasana)

सबसे पहले ‘दंडासन’ में बैठ जाएं। दोनों पैरों को थोड़ा बाहर की ओर फैलाएं। अब सांस अंदर लें और फिर सांस छोड़ते हुए बाएं पैर के अंगूठे को दाएं हाथ से पकड़ें। शुरुआत में आप चाहें तो एड़ी को भी पकड़ सकते हैं या थोड़ा ऊपर उठा सकते हैं। अब दाहिने हाथ को पीछे ले जाते हुए स्ट्रेच करें और पीछे मुड़कर देखें। कुछ देर इसी पोजीशन में रहें और फिर सांस छोड़ते हुए पहली पोजीशन में आ जाएं। अब यही व्यायाम दूसरे हाथ से करते हुए एक सेट को पूरा करें। ऐसा आपको एक बार में कम से कम 10 बार करना होगा।

अगर आपको कमर दर्द है तो इसे कुछ दिनों तक ना करें और अगर आपकी पीठ की कोई सर्जरी हुई है तो एक बार डॉक्टर से जरूर सलाह लें।

गत्यात्मक मेरु वक्रासन के लाभ:

  • इससे पूरा शरीर लचीला बनता है।
  • कंधों के दर्द से राहत दिलाता है।
  • नेत्र व्यायाम
  • थकान और जकड़न से छुटकारा दिलाता है।

3. नौका संचालनासन (Rowing The Boat Pose)

यह बिल्कुल नाव चलाने जैसा है। इसके लिए ‘दंडासन’ में बैठ जाएं। इसके बाद दोनों हाथों को अपने सामने इस तरह रखें कि आप नाव की पतवार पकड़कर सांस लें। अब नाव को चलाने के लिए सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें और फिर सांस छोड़ते हुए वापस अपनी स्थिति में आ जाएं। आप अपनी पसंद के हिसाब से इसकी speed को बढ़ा या घटा सकते हैं. अगर कम में दर्द हो तो ज्यादा आगे की ओर न झुकें। ऐसा एक बार में कम से कम 10 बार करने की कोशिश करें। इसके बाद इस पूरी एक्सरसाइज का उल्टा साइड करें यानी अब आपको नाव की पतवार को उल्टा चलाना है।

इसे करते समय इस बात का ध्यान रखें कि पैर न हिलें और ऊपरी शरीर के साथ पूरा व्यायाम करें। आपकी रीढ़ सीधी होनी चाहिए और छाती बाहर की ओर होनी चाहिए।

नौका संचालनासन के फायदे:

  • पेट और पीठ के आसपास की चर्बी कम होती है।
  • फ्रोजन शोल्डर की समस्या में आराम मिलता है।
  • स्त्री रोग संबंधी कई रोगों में भी आराम मिलता है।

अंतिम शब्द

तो दोस्तों आज मैंने आप को दिल की बाईपास सर्जरी के बाद व्यायाम (Exercises After Bypass Surgery in Hindi) के बारे में बताया है और मैं आशा करता हु की आप को इनसे जरुर फायदा होगा. हालांकि यह जानकारी हमने आपको सामान्य जानकारी के आधार पर बताएं है। अगर आपको किसी प्रकार की एलर्जी या कोई समस्या है तो चिकित्सक से सलाह लेकर ही काम करें।

Disclaimer

यह लेख केवल सामान्य जानकारी प्रदान करता है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या डॉक्टर से सलाह लें। CodeMaster इस जानकारी की जिम्मेदारी नहीं लेता है।

सुधांशु कोडमास्टर के संस्थापक हैं। वह पेशे से एक वेब डिज़ाइनर हैं और साथ ही एक उत्साही ब्लॉगर भी हैं जो हमेशा ही आपको सरल शब्दों में बेहतर जानकारी प्रदान करने के प्रयास में रहते हैं।

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