भक्त और चमचे में अंतर | Bhakt Aur Chamche Mein Antar

भक्त और चमचे में अंतर – नमस्कार दोस्तों! क्या आप Bhakt Aur Chamche Mein Antar जानना चाहते हैं? यदि हाँ, तो अप बिलकुल सही जगह पर हैं। इस आर्टिकल में आपको भक्त किसे कहते हैं, चमचा किसे कहते हैं, और भक्त और चमचे के बिच अंतर के बारे में विस्तार से जानने को मिलेगा।

भक्त और चमचे में अंतर | Bhakt Aur Chamche Mein Antar
भक्त और चमचे में अंतर | Bhakt Aur Chamche Mein Antar

भक्त किसे कहते हैं? | Bhakt Kise kahate Hain?

भक्त उन्हें कहते हैं जो किसी का समर्थन और पूजा निःस्वार्थ भाव से करते हैं चाहे वह सही हो या गलत। राजनीति की दृष्टि से किसी दल का समर्थन करने वाले लोग भक्त कहलाते हैं। ऐसे शब्दों का इस्तेमाल विपक्ष के लोग समर्थन करने वाले लोगों को आहत करने के लिए करते हैं।

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चमचा किसे कहते है? | Chamcha Kise kahate Hain?

चमचा उन्हें कहा जाता है जो किसी को केवल इसलिए सपोर्ट करते हैं ताकि उनका फायदा हो सके। चमचा का इस्तेमाल राजनीति में लोगों को चोट पहुंचाने के लिए भी किया जाता है। विपक्षी दल के लोग समर्थन करने वालों को चमचा कहते हैं।

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भक्त और चमचे में अंतर | Bhakt Aur Chamche Mein Antar

भक्त और चमचे में अंतर निम्नलिखित हैं:

क्रमांकभक्तचमचा
1भक्त बनने के लिए भगवान या महान व्यक्ति की जरूरत होती है।चमचा बनने के लिए जिससे भी स्वार्थ सिद्धि हो चाहे वह कोई मंदबुद्धि, भ्रष्टाचारी, व्याभिचारी, अपराधी ही क्यों न हो उसका भी चमचा बना जा सकता है।
2भक्त वह होता है जिसकी अपने रोल मॉडल पर अथाह श्रद्धा होती है।चमचों की कोई श्रद्धा नहीं होती वह निहित स्वार्थों के कारण चमचे बन जाते हैं।
3भक्त देश और समाज की भलाई के लिए अपने रोल मॉडल का रामर्थन करता है।चमचे के अपने एजेंडे होते हैं जिससे वह अपनी स्वार्थ सिद्धि करना चाहता है।
4भक्त अपनी व्यक्तिगत हानि को भी देश तथा समाज के समर्थन के लिए सहर्ष स्वीकार कर लेता है।चमचे को अगर उसका तथाकथित रोल मॉडल ही हानि करा दे तो चमचा उसी का विरोध करने लगता है।
5भक्त को अगर लगता है कि यह काम गलत है तो वह कह देता है, शिकायत कर देता है, जैसे कि भगवान के भक्त भी कह देते हैं “हे भगवान यह तूने क्या कर दिया?”चमचों का कोई दीन ईमान नहीं होता, वह सिर्फ स्वार्थ सिद्धि में लिप्त रहने वाला प्राणी है। चमचा कभी शिकायत नहीं कर सकता।
6एक भक्त तो गर्व से कह सकता है कि वह भक्त है।एक चमचा कभी नहीं कह सकता कि वह चमचा है।
भक्त और चमचे के बिच अंतर

अंतिम शब्द

तो दोस्तों, ये था भक्त और चमचे में अंतर (Bhakt Aur Chamche Mein Antar) और मैं आशा करता हूँ की आप को भक्त और चमचे के बिच अंतर का यह लेख जरुर से पसंद आया होगा। अब अगर आपको इस लेख से कुछ भी सिखने को मिला हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी जरुर से शेयर करें।

सुधांशु कोडमास्टर के संस्थापक हैं। वह पेशे से एक वेब डिज़ाइनर हैं और साथ ही एक उत्साही ब्लॉगर भी हैं जो हमेशा ही आपको सरल शब्दों में बेहतर जानकारी प्रदान करने के प्रयास में रहते हैं।

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