कहानी और उपन्यास में अंतर | Kahani Aur Upanyas Mein Antar

कहानी और उपन्यास में अंतर – नमस्कार दोस्तों! क्या आप Kahani Aur Upanyas Mein Antar जानना चाहते हैं? यदि हाँ, तो अप बिलकुल सही जगह पर हैं। इस आर्टिकल में आपको कहानी किसे कहते हैं, उपन्यास किसे कहते हैं, और कहानी और उपन्यास के बिच अंतर के बारे में विस्तार से जानने को मिलेगा।

कहानी और उपन्यास में अंतर | Kahani Aur Upanyas Mein Antar
कहानी और उपन्यास में अंतर | Kahani Aur Upanyas Mein Antar

कहानी किसे कहते हैं? | Kahani Kise kahate Hain?

कहानी गद्य साहित्य का सबसे दिलचस्प और लोकप्रिय रूप है, जो जीवन के एक विशेष पहलू का मार्मिक, भावनात्मक और कलात्मक विवरण देता है। “हिन्दी गद्य की वह विधा जिसमें लेखक किसी घटना, चरित्र या समस्या का व्यवस्थित विवरण देता है, और जिसे पढ़ने के बाद एक समन्वित प्रभाव उत्पन्न होता है, उसे कहानी कहते हैं।

Also Read – धातु और अधातु में अंतर

उपन्यास किसे कहते है? | Upanyas Kise kahate Hain?

  • बाबू गुलाब के अनुसार, “उपन्यास जीवन का एक चित्र है, प्रतिबिंब नहीं। जीवन का प्रतिबिंब कभी भी पूर्ण नहीं हो सकता। मानव जीवन इतना जटिल है कि उसका प्रतिबिंब प्रस्तुत करना लगभग असंभव है। उपन्यासकार जीवन के करीब आता है, लेकिन उसे भी जीवन में बहुत कुछ छोड़ना पड़ता है, लेकिन वह जहां छोड़ता है, वह अपनी तरफ से भी जोड़ता है।
  • श्यामसुंदर दास के अनुसार, “उपन्यास मनुष्य के वास्तविक जीवन की काल्पनिक कहानियाँ हैं।”
  • प्रेमचंद के अनुसार, “मैं उपन्यास को मानवीय चरित्र का चित्र मानता हूं। उपन्यास का मूल तत्व मानवीय चरित्र पर प्रकाश डालना और उसके रहस्यों को उजागर करना है।”
  • हडसन के अनुसार, “उपन्यास में नाम और तिथियों को छोड़कर सब कुछ सत्य है। इतिहास में नामों और तिथियों को छोड़कर कुछ भी सत्य नहीं है।”

कहानी और उपन्यास में अंतर | Kahani Aur Upanyas Mein Antar

कहानी और उपन्यास में अंतर निम्नलिखित हैं:

कहानीउपन्यास
कहानी आकार में छोटी होती है।उपन्यास का आकार बड़ा होता है।
कहानी की कथा संक्षिप्त एवं वैविध्य विहीन होती है।उपन्यास की कथा लंबी एवं वैविध्य पूर्ण होती है।
कहानी में कथानक हो भी सकता है और नहीं भी।उपन्यास में कथानक अनिवार्य रूप से रहता है।
कहानीकार को कहानी रचते समय अपनी दृष्टि किसी एक घटना या वस्तु पर केंद्रित करनी पड़ती है।उपन्यास में स्थानीय वातावरण का सृजन पात्रों के चरित्र चित्रण और उनका चारित्रक विकास साथ ही उनका संघर्ष सभी कुछ उपस्थित रहता है।
कहानी की कथा किसी क्षण या‌ एक स्थान से जुड़ी होती है।उपन्यास की कथा दोनों में फैली हुई होती है और कभी-कभी तो कथा का विस्तार युग युग तक बढ़ जाता है।
कहानी में एक से अधिक कथाएं नहीं होती, और ना ही कई प्रसंग होते हैं यदि किसी कहानी में एक से अधिक प्रसंग होते भी हैं तो वह मुख प्रसंग के अध्ययन अंग के रूप में ही होते हैं।उपन्यास में कथा का विकास होता है। उसमें एक से अधिक कथाएं और अनेक प्रसंग होते हैं।
कहानी में जीवन की संपूर्णता संभव नहीं है। यहाँ जीवन जगत के किसी एक अंश का केवल उद्घाटन मात्र होता है।उपन्यास में मानव जीवन की संपूर्णता को समेटने की क्षमता विद्यमान होती है।
कहानी में चरित्र का विकास उपन्यास के मुकाबले सिमित होता है।उपन्यास में चरित्र का विकास कहानी के मुकाबले ज्यादा गहराई से होता है।
कहानी में इतिवृत्तात्मकता अतिशय कल्पना के लिए स्थान नहीं होता है।उपन्यास में इतिवृत्तात्मकता से किया गया विवरण पर्याप्त मात्रा में रह सकता है और साथ ही कल्पना का व्यापक प्रसार भी संभव है।
कहानी और उपन्यास के बिच अंतर

अंतिम शब्द

तो दोस्तों, ये थे कहानी और उपन्यास में अंतर (Dhatu Aur Adhatu Mein Antar) और मैं आशा करता हूँ की आप को कहानी और उपन्यास के बिच अंतर का यह लेख जरुर से पसंद आया होगा। अब अगर आपको इस लेख से कुछ भी सिखने को मिला हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी जरुर से शेयर करें।

सुधांशु कोडमास्टर के संस्थापक हैं। वह पेशे से एक वेब डिज़ाइनर हैं और साथ ही एक उत्साही ब्लॉगर भी हैं जो हमेशा ही आपको सरल शब्दों में बेहतर जानकारी प्रदान करने के प्रयास में रहते हैं।

Sharing Is Caring:

Leave a Comment